BEd vs BTC: b.ed डिग्री धारक अभ्यर्थियों के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक खुशखबरी वाली न्यूज़ आ रही है जहां सुप्रीम कोर्ट ने b.ed / BTC मामले में प्राइमरी स्कूल में शिक्षक भर्ती के लिए बीटीसी वाले उम्मीदवारों को योग्य साबित किया था एवं b.ed डिग्री धार का अभ्यर्थियों को प्राइमरी शिक्षक भर्ती के लिए अयोग्य साबित कर दिया था यानी कि आप बीएड डिग्री धारक अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में आवेदन नहीं कर पाएंगे। इस फैसले के बाद से बीएड डिग्री धारक अभ्यर्थियों में काफी आरोष का माहौल था ऐसे में अभ्यर्थियों की ओर से इस फैसले का काफी विरोध किया गया था एवं यह मांग उठाया गया था कि उन्हें प्राइमरी शिक्षक भर्ती के लिए योग्य साबित किया जाए इस बात को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में री अपिल याचिका दायर की थी।
इस पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोई भी सुनवाई नहीं की गई है मगर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट अभ्यर्थियों का बात सुनकर के एवं उनके कठिनाइयों को समझ करके कहीं अपने फैसले में बदलाव कर सकती है। अगर फैसले में बदलाव करके बीएड डिग्री वाले को प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए योग्य साबित कर दी जाती है तो बीएड डिग्री धार का अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी वाली बात हो जाएगी वह प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर पाएंगे। b.ed डिग्री धार का अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला का काफी समय से इंतजार कर रहे हैं आप देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस पर क्या फैसला दी जाती है।
BEd vs BTC News
पहले प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए बेड एवं बीटीसी डिग्री धारक अभ्यर्थी आवेदन कर सकते थे लेकिन इसका विरोध बीटीसी के अभ्यर्थियों के द्वारा किया गया था और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि बीएड वाले अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक भर्ती एवं उच्च शिक्षक भर्ती दोनों में शामिल हो पाते हैं जिससे कि बीटीसी वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में मौका नहीं मिल पाता है। इस बात को ध्यान में रखकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से 11 अगस्त 2023 को यह फैसला दी गई थी कि अब बीएड डिग्री धार का अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए योग्य नहीं है यानी कि बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थी अब प्राथमिक शिक्षक भर्ती में आवेदन नहीं कर पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से एक तरफ बीटीसी डिग्री धारक अभ्यर्थियों में खुशी का माहौल फैल गया था अब उन्हें अब प्राथमिक शिक्षक भर्ती में पूरा सीट मिलेगा।
वहीं दूसरी तरफ b.ed डिग्री धारी अभ्यर्थी को सुप्रीम कोर्ट की ओर से करा धक्का दिया गया था। b.ed डिग्री धारक
अभ्यर्थियों का यह कहना है कि उन्होंने दो वर्ष एवं अपना 2 लाख से अधिक रूपए लगा करके बीएड की डिग्री के लिए पढ़ाई की अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से उनका सपना टूट गया है। कई सारे बीएड डिग्री धार ऐसे अभ्यर्थी है जिन्होंने टीईटी , सीटीईटी क्वालिफाइड कर चुके हैं ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से काफी दुखी है। अब b.ed डिग्री धार का अभ्यर्थी फिलहाल प्राइमरी शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं हो सकते हैं।
क्या बदलेगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट की ओर से b.ed डिग्री धार का विद्यार्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए आयोग साबित करने के बाद से b.ed डिग्री धार का विद्यार्थियों में काफी गुस्से का माहौल है। जगह-जगह पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं एवं सरकार से भी मांग कर रहे हैं कि इस पर कोई उचित कदम उठाए जाएं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लाखों बीएड डिग्री धारक अभ्यर्थियों का सपना टूट गया था। कई सारे छात्र सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं एवं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है, जिससे कि एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में बीएड एवं बीटीसी मामले पर सुनवाई की जाएगी।
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ऐसे में छात्रों की तरफ से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला बदल सकती है मगर यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका पर क्या कदम उठाती है अभी फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई नहीं की गई है मगर आने वाले समय में जल्दी इस पर कोई उचित कदम उठाया जाएगा। छात्रों की ओर से आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन की जा रही है मगर सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर फिलहाल कायम है ऐसे में यह देखना है कि रीअपील याचिका पर सुप्रीम कोर्ट क्या रुख अपनाती है लाखों बीएड डिग्री धार का अभ्यर्थियों का नजर सुप्रीम कोर्ट पर बना हुआ है।
किसी भी पद के लिए न्यूनतम योग्यताएँ निर्धारित की जाती है ना की उच्चतम, न्यायालय का फैसला गलत है
अन्य भर्तियों में क्यूं हाई qualification वाले नौकरियों पर रख लिये जाते हैँ न्यूनतम एजुकेशन ही मानक रहता है ना कि हाई एजुकेशन सुप्रीम कोर्ट को सभी नौकरियों में मानक नहीं दिखता