BEd vs BTC News Today: जैसा की बीएड तथा बीटीसी के मामले को लेकर लगातार चर्चाए चल रही है बीएड तथा बीटीसी के मामले को लेकर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी निकाल कर आई है जो की सभी बीएड उम्मीदवारों के लिए अति आवश्यक है ऐसे में अगर आप भी कोई बीएड अभ्यर्थी है तो आपको इस लेख को अंतिम तक जरूर पढ़ना है।
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बीएड अभ्यर्थियों के लिए आदेश को जारी कर दिया गया है जिसमें उन्होंने वर्तमान समय में साफ मना कर दिया है कि बीएड वालों को राहत प्रदान नहीं की जाएगी। जिसके चलते अनेक अभ्यर्थी वर्तमान समय में इस फैसले की वजह से नाराज दिखाई दे रहे हैं चलिए हम संपूर्ण जानकारी को जानते हैं कि आखिर में पूरा मामला क्या है और फैसला क्या जारी किया गया है |
BEd vs BTC News Today
कोर्ट के द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है कि शिक्षक भर्ती लेवल 1 के लिए केवल और केवल बीटीसी डिप्लोमा धारकों को ही पात्र माना जाएगा इसके अतिरिक्त बीएड अभ्यर्थियों को पात्र नहीं माना जाएगा। अनेक अभ्यर्थियों ने प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए बीएड की और प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए भी तैयारियां शुरु कर दी थीं लेकिन इस फैसले के चलते अब वह प्राथमिक शिक्षक बनने के अयोग्य है।
अनेक अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने बीएड के लिए लाखों रुपए खर्च किए हैं। अपना कीमत समय बीएड को करने में लगाया ताकी वह प्राथमिक शिक्षक बन सकें लेकिन उनकी सारी की सारी मेहनत बेकार चली गई। यहां तक की अभ्यर्थियों के द्वारा यह भी कहा गया है कि टीईटी तथा सीटीईटी जैसी परीक्षाएं भी उन्होंने पास की है। लेकिन अब उनका कोई मतलब नहीं है। बीएड अभ्यर्थियों के जीवन में इस फैसले की वजह से बाधा उत्पन्न हो चुकी है।
28 जून 2018 की एक अधिसूचना के कारण विवाद शुरू हुआ
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के द्वारा शिक्षा की योग्यता को निर्धारित किया जाता है राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद का यही कार्य है जिसके चलते राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने 28 जून 2018 को अधिसूचना जारी की थी जिसके चलते जिन भी उम्मीदवारों के द्वारा बीएड की जाती थी उनको यह अधिकार मिल गया था कि वह कक्षा एक से कक्षा पांचवी तक के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने के योग्य माने जायेगे।
जब बीएड उम्मीदवारों को यह अधिकार मिल गया तो उन्होंने शिक्षक बनने का लक्ष्य निर्धारित किया तथा प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए तैयारियां शुरू कर दी लेकिन जब कोर्ट के द्वारा यह फैसला सुनाया गया तो वह अयोग्य घोषित हो गए। यही वह कारण है जिसके चलते विवाद की शुरुआत हो गई।
अभ्यर्थियों के द्वारा आंदोलन भी किया जा सकता है?
आपको पता होगा कि प्राइमरी शिक्षक जिसके पास कक्षा एक से कक्षा पांचवी तक के विद्यार्थियों को शिक्षा देने का अधिकार होता है। लेकिन इस फैसले की वजह से बीएड अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए काफी मेहनत की है लेकिन इस मेहनत के बावजूद भी उन्हें इस प्रकार का फैसला सुनाया गया जो कि उनके लिए अच्छा नहीं है।
अभ्यर्थी इस फैसले के चलते आंदोलन भी कर सकते हैं क्योंकि अनेक अभ्यर्थियों के द्वारा बीएड को किया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को इस फैसले को बदलना चाहिए क्योंकि यह फैसला अभ्यर्थियों के लिए बिल्कुल भी संतुष्टि दायक नहीं है। हालांकि 11 अगस्त 2023 को कोर्ट के द्वारा फैसला सुनाया गया था। जिसके पश्चात कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी जारी नहीं की गई है।
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बीएड और बीटीसी की जानकारी को आपने जान लिया है आपको सभी अभ्यर्थी भाइयों के साथ इस लेख को जरुर शेयर करना चाहिए ताकी उन तक भी यह जानकारी पहुंच जाए। इस प्रकार की अन्य जानकारियां आपको इस वेबसाइट पर मिलती रहेगी ऐसे में आप इस वेबसाइट के नाम को जरूर ध्यान में रखें।