B.Ed Vs BTC Latest News: वर्तमान समय में अनेक बीएड के अभ्यार्थी है ऐसे में उन सभी अभ्यर्थियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण खबर निकल कर आई है जिसे जानना सभी बीएड के अभ्यर्थियों के लिए अति आवश्यक है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के द्वारा फैसला सुनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा फैसला बीएड बनाम बीटीसी मामले में सुनाया है जो कि बीटीसी अभ्यार्थियों के पक्ष में सुनाया गया है।
ऐसे में बीएड अभ्यर्थियों को इस फैसले से नाराजगी है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा वर्तमान समय में बीएड अभ्यर्थियों को राहत देने से साफ इनकार कर दिया है ऐसे में आज इस विषय से संबंधित संपूर्ण जानकारी को इस लेख के अंतर्गत हम जानने वाले हैं। इसलिए ध्यान पूर्वक आज आप इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें क्योंकि आज का यह लेख आपके लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण लेख साबित होने वाला है चलिए जानकारी को जानना शुरू करते हैं।
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B.Ed Vs BTC Latest News
जी हां सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जो फैसला सुनाया गया है उस फैसले के खिलाफ सभी बीएड के अभ्यार्थी है क्योंकि इस फैसले की वजह से सभी अभ्यार्थी परेशानी में पड़ चुके हैं। अभ्यार्थियों के द्वारा कहा गया है कि उन्होंने बीएड को करने के लिए अपने लाखों रुपए लगाए हैं तथा इसी के साथ में उन्होंने अपने जीवन के 2 साल भी बीएड को करने में लगाएं हैं। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा ज़ारी किए गए इस फैसले की वजह से उनके पैसे उनकी मेहनत तथा उनका समय सब कुछ बर्बाद है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने टीईटी और सीटीईटी जैसी परीक्षाओं को पास किया है लेकिन इसके बावजूद भी अब वह प्राइमरी शिक्षक के पद पर अपनी सेवाएं प्रदान नहीं कर सकेंगे। चाहे कारण जो भी हो लेकिन इन अभ्यर्थियों को यह फैसला बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा है क्योंकि इस फैसले की वजह से उनके करियर बनाने के बीच में रुकावट पैदा हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुनाए जाने वाला फैसला
जैसा की मांग यह की जा रही थी कि बीएड के अभ्यार्थी अध्यापक भर्ती level-1 के लिए पात्र माने जाने चाहिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा साफ कह दिया गया है कि केवल बीटीसी डिप्लोमा धारक ही अध्यापक भर्ती लेवल वन के लिए पात्र माने जाएंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 11 अगस्त 2023 को सुनाया गया है।
अब जो भी अभ्यार्थी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक बनने की इच्छा रखेंगे उन्हें BTC या फ़िर Deled को करना होगा। प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक कक्षा 1 से कक्षा पांचवी तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने का कार्य करते हैं ऐसे में अब बीएड डिग्री धारक कक्षा एक से कक्षा पांचवी तक के बच्चों को नहीं पढ़ा पाएंगे।
बीएड और बीटीसी के विवाद की शुरुआत
शिक्षा की योग्यता को निर्धारित करने का कार्य राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद का है। और इस परिषद के द्वारा 28 जून 2018 को एक महत्वपूर्ण नोटिफिकेशन जारी किया गया था इस महत्वपूर्ण नोटिफिकेशन के तहत बीएड वाले अभ्यर्थी कक्षा एक से कक्षा पांचवी तक के विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए योग्य कर दिए गए थे।
इस नोटिफिकेशन के जारी के जाने के बाद प्राइमरी टीचर बनने के उद्देश्य से अनेक अभ्यर्थियों ने प्राइमरी टीचर भर्ती के लिए तैयारी को शुरू कर दिया लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुनाए जाने वाले फैसले की वजह से सारे अभ्यार्थी प्राइमरी शिक्षक बनने के अयोग्य है। जब सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इस नोटिफिकेशन को जारी कर दिया गया तो उसके बाद में बीएड और बीटीसी के विवाद की शुरुआत हो गई।
अभ्यर्थियों की निराशा के चलते किया जा सकता है आंदोलन
जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अपना फैसला सुना दिया गया है। लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि जितनी मेहनत बीटेक के अभ्यार्थियों के द्वारा की गई थी उतनी ही मेहनत जब बीएड के अभ्यार्थियों के द्वारा की गई है तो उन्हें इस प्रकार का फैसला क्यों सुनने को मिला। इस फैसले को देखते हुए अभ्यार्थियों का कहना है कि वह इस फैसले के विरोध में आंदोलन करेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को इस फैसले में बदलाव करना चाहिए | अगर इस फैसले में बदलाव नहीं किया जाता है तो ऐसे में पूरी संभावना है कि अभ्यर्थियों के द्वारा आंदोलन किया जाएगा।
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बीएड और बीटीसी के फैसले से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी को अब आपने जान लिया है। यह महत्वपूर्ण जानकारी प्रत्येक बीएड के अभ्यार्थी के लिए आवश्यक है ऐसे में सभी अभ्यर्थियों के साथ यह जानकारी अवश्य शेयर करें ताकि अधिक से अधिक व्यक्तियों ताकि हम महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।
Primary school ki sankiyahi utanhi bed ki school ki sankiya kar do problem solution hojaega
BHARAT government please reply
Thank you ❤️
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